जय जय गिरिबरराज किसोरी ।
जय महेस मुख चंद चकोरी ॥
जय गज बदन षडानन माता ।
जगत जननि दामिनि दुति गाता ॥
नहिं तव आदि मध्य अवसाना ।
अमित प्रभाउ बेदु नहिं जाना ॥
भव भव बिभव पराभव कारिनि ।
बिस्व बिमोहनि स्वबस बिहारिनि ॥
सेवत तोहि सुलभ फल चारी ।
बरदायनी पुरारि पिआरी ॥
देबि पूजि पद कमल तुम्हारे ।
सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे ॥
जय महेस मुख चंद चकोरी ॥
जय गज बदन षडानन माता ।
जगत जननि दामिनि दुति गाता ॥
नहिं तव आदि मध्य अवसाना ।
अमित प्रभाउ बेदु नहिं जाना ॥
भव भव बिभव पराभव कारिनि ।
बिस्व बिमोहनि स्वबस बिहारिनि ॥
सेवत तोहि सुलभ फल चारी ।
बरदायनी पुरारि पिआरी ॥
देबि पूजि पद कमल तुम्हारे ।
सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे ॥
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें