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मंगलवार, दिसंबर 03, 2013

मानस से : नवधा भक्ति

प्रथम भगति संतन्ह कर संगा । दूसरि रति मम कथा प्रसंगा ॥
गुर पद पंकज सेवा तीसरि भगति अमान।
चौथि भगति मम गुन गन करइ कपट तजि गान ॥
मंत्र जाप मम दृढ़ बिस्वासा । पंचम भजन सो बेद प्रकासा ॥
छठ दम सील बिरति बहु करमा । निरत निरंतर सज्जन धरमा ॥
सातवँ सम मोहि मय जग देखा । मोतें संत अधिक करि लेखा ॥
आठवँ जथालाभ संतोषा । सपनेहुँ नहिं देखइ परदोषा ॥
नवम सरल सब सन छलहीना । मम भरोस हियँ हरष न दीना ॥

नव महुँ एकउ जिन्ह के होई । नारि पुरुष सचराचर कोई ॥
मम दरसन फल परम अनूपा । जीव पाव निज सहज सरूपा ॥ 

सगुन उपासक परहित निरत नीति दृढ़ नेम ।
ते नर प्रान समान मम जिन्ह कें द्विज पद प्रेम ॥ 
 
Listen to the 'Navadha Bhakti' prasang from 'Shri Ram Charit Manas'
Voice: Kavita Krishnamurthi
Music DIrection: V N Shrivastav 'Bhola'
 
 
 

शनिवार, नवंबर 23, 2013

भजन : जायेगी लाज तुम्हारी

जायेगी लाज तुम्हारी
नाथ मेरो कहा बिगडे हो 

भूमि विहीन पाण्डव सुत बैठे
कहिये न पैख प्रबल पारथ की, भीम गदा महि डारी 

नाथ मेरो कहा बिगडे हो ...

सूर समूह भूप सब बैठे, बड़े बड़े वृतधारी
भीष्म द्रोेण कर्ण दुषाशन, जिन्होंने आपत डारी 
नाथ मेरो कहा बिगडे हो ...

तुम तो दीनानाथ कहावत, मैं अति दीन दुखारी
जैसे जल बिन मीन जो तडपै, सोई गति भई हमारी 
नाथ मेरो कहा बिगडे हो ...


हम पति पाँच, पांचन के तुम पति, मो पति काहे बिसारी
सूर स्याम पाछे पछितहिये, कि जब मुझे देखो उघारी 
नाथ मेरो कहा बिगडे हो ...

भजन : राम से बड़ा राम का नाम

Listen to the bhajan

राम से बड़ा राम का नाम ..

अंत में निकला ये परिणाम,
राम से बड़ा राम का नाम ..

सुमिरिये नाम रूप बिनु देखे,
कौड़ी लगे ना दाम .
नाम के बाँधे खिंचे आयेंगे,
आखिर एक दिन राम .
राम से बड़ा राम का नाम ..

जिस सागर को बिना सेतु के,
लाँघ सके ना राम .
कूद गये हनुमान उसी को,
लेकर राम का नाम .
राम से बड़ा राम का नाम ..

धुन

राम  से बड़ा राम का नाम ....

बोलो राम, बोलो राम,
बोलो राम राम राम ....

जय जय राम, जय जय राम,
जय जय राम राम राम ....

राम से बड़ा राम का नाम ..

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भजन : आंगने में बधैया बाजे

Listen to the bhajan

आँगने में बधैया बाजे ..


चंद्रमुखी मृगनयनी अवध की
तोड़त ताने रागने में

बधैया बाजे,
आंगने में बधैया बाजे ..

प्रेमभरी प्रमदागन नाचे
नूपुर बाँधे पायने में
बधैया बाजे,
आंगने में बधैया बाजे ..

न्योछावर  श्री राम लला की,
राम लला की, श्री भरत लला की,
भरत लला की, श्री  लखन लला की,
लखन लला की, शत्रुघन लला की,
नहिं  कोउ लाजत माँगने में
बधैया बाजे,
आंगने में बधैया बाजे ..

सियाअली यह कौतुक देखत
बीती  रजनी जागने में,
बधैया बाजे,
आंगने में बधैया बाजे ..

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शनिवार, अक्तूबर 05, 2013

भजन: जय जय बजरंगी महावीर

जय जय बजरंगी महावीर
तुमबिन को जन की हरे पीर

अतुलित  बलशाली तव काया ,गति पिता पवन का अपनाया
    शंकर से देवी गुन पाया  शिव पवन पूत हे धीर वीर
                              जय जय बजरंगी  महावीर -----
   
दुखभंजन सब दुःख हरते हो , आरत की सेवा करते हो ,
     पलभर बिलम्ब ना करते हो जब भी भगतन पर पड़े भीर
                            जय जय बजरंगी महावीर-----
   
जब जामवंत ने ज्ञान दिया , तब सिय खोजन स्वीकार किया
     सत योजन सागर पार किया  ,रघुबंरको जब देखा अधीर
                             जय जय बजरंगी महावीर -----
   
शठ रावण त्रास दिया सिय को , भयभीत भई मइया जिय सो .
     मांगत कर जोर अगन तरु सो ,दे मुदरी माँ को दियो धीर
                            जय  जय बजरंगी महाबीर-----
   
जय संकट मोचन बजरंगी , मुख मधुर केश कंचन रंगी
निर्बल असहायन  के संगी , विपदा संहारो साध तीर
    जय जय बजरंगी महाबीर -----
   
  जब लगा लखन को शक्ति बान,चिंतित हो बिलखे बन्धु राम
      कपि तुम साचे सेवक समान ,लाये बूटी संग द्रोंनगीर
                             जय जय बजरंगी  महावीर------

हम पर भी कृपा करो देवा  , दो भक्ति-दान हमको देवा
      है पास न अपने फल मेवा , देवा स्वीकारो नयन नीर
                              जय  जय बजरंगी महाबीर
                               तुमबिन को जन की हरे पीर
================
शब्दकार स्वरकार गायक
"भोला"

शुक्रवार, सितंबर 20, 2013

भजन : सुनि कान्हा तेरी बांसुरी

Listen to the bhajan -
Suni Kanha Teri Bansuri - MP3 Audio -
by Sau. Induja Shrivastav


सुनि कान्हा तेरी बांसुरी
बांसुरी तेरी जादू भरी

सारा गोकुल लगा झूमने
क्या अजब मोहिनी छा गयी
मुग्ध यमुना थिरकने लगी
तान बंसी की तड़पा गयी
छवि मन में बसी सांवरी

सुनि कान्हा तेरी बांसुरी
बांसुरी तेरी जादू भरी

हौले से कोई धुन छेड के
तेरी मुरली तो चुप हो गयी
सात स्वर के भंवर में  कहीं
मेरे मन की कली खो गयी
मैं तो जैसे हुई बावरी

सुनि कान्हा तेरी बांसुरी 
बांसुरी तेरी जादू भरी

Thanks to Induja Bhabhi for the lyrics



Updated on Sept 20, 2013

Thanks to Gita Jiji for the youtube link with this non-filmi bhajan by Geeta Dutt.
 

शनिवार, सितंबर 14, 2013

रामचरितमानस से - सुन्दरकाण्ड पाठ

Reposting with complete Sundarkand text and audio on Feb 18, 2018

Here is the text and audio for the initial portion of Sundar Kand from Shri Ram Charit Manas. Samput text to be used before and  after every doha, chhanda etc. during Sundarkand or Ramayan Path is given in 'red'.

MP3 Audio

कथा प्रारम्भ होत है, सुनहु वीर हनुमान |
राम लक्षमण जानकी, करहुँ सदा कल्याण ॥


श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ॥


बुद्धिहीन तनु जानिके,सुमिरो पवन कुमार |
बल बुद्धि विद्या देहूं मोहि,हरहु कलेश विकार ||


श्री गणेशाय नमः
श्रीजानकीवल्लभो विजयते

श्रीरामचरितमानस
पञ्चम सोपान
सुन्दरकाण्ड

श्लोक

शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं
ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम् ।
रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं
वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूड़ामणिम्॥१॥

नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीये
सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा।
भक्तिं प्रयच्छ रघुपुङ्गव निर्भरां मे
कामादिदोषरहितं कुरु मानसं च॥२॥

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥३॥

श्रवन सुजसु सुनि आयउँ प्रभु भंजन भव भीर ।
त्राहि त्राहि आरति हरन सरन सुखद रघुबीर ।।

सखा सोच त्यागहु बल मोरें। सब बिधि घटब काज मैं तोरें॥
प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयँ राखि कौसलपुर राजा ।।

जामवंत के बचन सुहाए। सुनि हनुमंत हृदय अति भाए॥
तब लगि मोहि परिखेहु तुम्ह भाई। सहि दुख कंद मूल फल खाई॥
जब लगि आवौं सीतहि देखी। होइहि काजु मोहि हरष बिसेषी॥
यह कहि नाइ सबन्हि कहुँ माथा। चलेउ हरषि हियँ धरि रघुनाथा॥
सिंधु तीर एक भूधर सुंदर। कौतुक कूदि चढ़ेउ ता ऊपर॥
बार बार रघुबीर सँभारी। तरकेउ पवनतनय बल भारी॥
जेहिं गिरि चरन देइ हनुमंता। चलेउ सो गा पाताल तुरंता॥
जिमि अमोघ रघुपति कर बाना। एही भाँति चलेउ हनुमाना॥
जलनिधि रघुपति दूत बिचारी। तैं मैनाक होहि श्रमहारी॥

हनूमान तेहि परसा कर पुनि कीन्ह प्रनाम।
राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहाँ बिश्राम॥१॥

श्रवन सुजसु सुनि आयउँ प्रभु भंजन भव भीर ।
त्राहि त्राहि आरति हरन सरन सुखद रघुबीर ।।

सखा सोच त्यागहु बल मोरें। सब बिधि घटब काज मैं तोरें॥
प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयँ राखि कौसलपुर राजा ।।

जात पवनसुत देवन्ह देखा। जानैं कहुँ बल बुद्धि बिसेषा॥
सुरसा नाम अहिन्ह कै माता। पठइन्हि आइ कही तेहिं बाता॥
आजु सुरन्ह मोहि दीन्ह अहारा। सुनत बचन कह पवनकुमारा॥
राम काजु करि फिरि मैं आवौं। सीता कइ सुधि प्रभुहि सुनावौं॥
तब तव बदन पैठिहउँ आई। सत्य कहउँ मोहि जान दे माई॥
कबनेहुँ जतन देइ नहिं जाना। ग्रससि न मोहि कहेउ हनुमाना॥
जोजन भरि तेहिं बदनु पसारा। कपि तनु कीन्ह दुगुन बिस्तारा॥
सोरह जोजन मुख तेहिं ठयऊ। तुरत पवनसुत बत्तिस भयऊ॥
जस जस सुरसा बदनु बढ़ावा। तासु दून कपि रूप देखावा॥
सत जोजन तेहिं आनन कीन्हा। अति लघु रूप पवनसुत लीन्हा॥
बदन पइठि पुनि बाहेर आवा। मागा बिदा ताहि सिरु नावा॥
मोहि सुरन्ह जेहि लागि पठावा। बुधि बल मरमु तोर मै पावा॥

राम काजु सबु करिहहु तुम्ह बल बुद्धि निधान।
आसिष देह गई सो हरषि चलेउ हनुमान॥२॥

श्रवन सुजसु सुनि आयउँ प्रभु भंजन भव भीर ।
त्राहि त्राहि आरति हरन सरन सुखद रघुबीर ।।

सखा सोच त्यागहु बल मोरें। सब बिधि घटब काज मैं तोरें॥
प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयँ राखि कौसलपुर राजा ।।

बुधवार, सितंबर 11, 2013

भजन : प्रभुजी चले आना

 


कभी राम बनके कभी श्याम बनके 
चले आना प्रभुजी चले आना....

तुम राम रूप में आना, तुम राम रूप में आना
सीता साथ लेके, धनुष हाथ लेके,
चले आना प्रभुजी चले आना...

तुम श्याम रूप में आना, तुम श्याम रूप में आना,
राधा साथ लेके, मुरली हाथ लेके,
चले आना प्रभुजी चले आना...

तुम शिव के रूप में आना, तुम शिव के रूप में आना..
गौरा साथ लेके , डमरू हाथ लेके,
चले आना प्रभुजी चले आना...

तुम विष्णु रूप में आना, तुम विष्णु रूप में आना,
लक्ष्मी साथ लेके, चक्र हाथ लेके,
चले आना प्रभुजी चले आना...

तुम गणपति रूप में आना, तुम गणपति रूप में आना
रिद्धि साथ लेके, सिद्धि साथ लेके ,
चले आना प्रभुजी चले आना....

कभी राम बनके कभी श्याम बनके 
चले आना प्रभुजी चले आना...

मंगलवार, सितंबर 10, 2013

भजन : नाचत प्रिय गणपति राजा



Ganesh Bhajan by Kirti Anurag (Chhavi Bhaiya)

भजन: सिद्धि विनायक मंगल दाता


ॐ गणपती नमो नम: 
ॐ गणपती नमो नम: 

सिद्धि विनायक मङ्गल दाता
मङ्गल कर दो काज
आये हैं हम शरण तुम्हारी
शरण तुम्हारी आज
अष्ट विनायक गणपती,
विघ्न हरो हे गणपती
करुणामय तुम गणपती
मङ्गलमय तुम गणपती

सिद्धि विनायक मङ्गल दाता
मङ्गल कर दो काज
आये हैं हम शरण तुम्हारी
शरण तुम्हारी आज
ॐ गणपती नमो नम: 
ॐ गणपती नमो नम: 

हर शुभ काज में प्रथम पूज्य हो
हे गणपति तुम मङ्गलमय हो
हम भक्तों के भाग्य विधाता
दो वरदान हमें तुम दाता
अष्ट विनायक गणपती,
विघ्न हरो हे गणपती
करुणामय तुम गणपती
मङ्गलमय तुम गणपती

सिद्धि विनायक मङ्गल दाता
मङ्गल कर दो काज
आये हैं हम शरण तुम्हारी
शरण तुम्हारी आज
ॐ गणपती नमो नम: 
ॐ गणपती नमो नम: 

हे गणपति तुम्हारी महिमा
का हम करें गुण गान
चारों ओर है फैली आभा
गणपति तुम हो महान  
अष्ट विनायक गणपती,
विघ्न हरो हे गणपती
करुणामय तुम गणपती
मङ्गलमय तुम गणपती

सिद्धि विनायक मङ्गल दाता
मङ्गल कर दो काज
आये हैं हम शरण तुम्हारी
शरण तुम्हारी आज
ॐ गणपती नमो नम:
ॐ गणपती नमो नम: 

भक्तजनों का तुमको गजानन
नमन है बारम्बार
आरती गायें भक्तजन और
हो रही जय जयकार
अष्ट विनायक गणपती,
विघ्न हरो हे गणपती
करुणामय तुम गणपती
मङ्गलमय तुम गणपती

सिद्धि विनायक मङ्गल दाता
मङ्गल कर दो काज
आये हैं हम शरण तुम्हारी
शरण तुम्हारी आज
ॐ गणपती नमो नम:
ॐ गणपती नमो नम: 
ॐ गणपती नमो नम:
ॐ गणपती नमो नम: 

Thanks to Geeta Jiji for the youtube link

सोमवार, सितंबर 09, 2013

भजन : शुभ दिन प्रथम गणेश मनाओ

शुभ दिन प्रथम गणेश मनाओ

कार्य सिद्धि की करो कामना ।
तुरत हि मन वान्छित फल पाओ ।

अन्तर मन हो ध्यान लगाओ ।
कृपा सिन्धु के दरशन पाओ ।

श्रद्धा भगति सहित निज मन मे ।
मंगल दीप जलाओ जलाओ ।

सेन्दुर तुलसी मेवा मिसरी ।
पुष्प हार नैवेद्य चढ़ाओ ।

मेवे मोदक भोग लगाकर ।
लम्बोदर का जी बहलाओ ।

एक दन्त अति दयावन्त हैं।
उन्हें रिझावो नाचो गाओ ।

सर्व प्रथम गण नाथ मनाओ

ganapati pujan vidhi - Part 1

The following puja vidhi for ganapati pujan is taken from 'Satyanarayana ki Katha' by Shri Pandit Dinanath Bhargava Dinesh. It has hindi verse translation along with the sanskrit shlokas.


MP3 Audio

श्री गणपति ध्यान तथा आवाहन

विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय,
लम्बोदराय सकलाय जगत्‌ हिताय ।
नागाननाय श्रुतियज्ञभूषिताय,
गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते ॥

ॐ भूर्भुवः स्वः गणपते !
इहागच्छ इहातिष्ठ सुप्रतिष्ठो भव
मम पूजा गृहाण !

गणानान्त्वा गणपति (गुँ) हवामहे
प्रियाणान्त्वा प्रियपति (गुँ) हवामहे
निधिनान्त्वा निधिपति (गुँ) हवामहे
वसो मम ।
आहमजानि गर्भधमात्वमजासि गर्भधम्‌ ॥

देवों के प्रिय विघ्ननियन्ता, लम्बोदर भव-भय हारी ।
गिरिजानन्दन देव गजानन, यज्ञ-विभूषित श्रुतिधारी ॥
मंगलकारी दुःख-विदारी, तेजोमय जय वरदायक ।
बार-बार जय नमस्कार, स्वीकार करो हे गणनायक ॥

देव आइये यहाँ बैठिये, पूजा को करिये स्वीकार ।
भूर्भुवः स्वः सुख समृद्धि के, खोल दीजिये मंगल द्वार ॥

गणनायक वर बुद्धि विधायक, सदा सहायक भय-भंजन ।
प्रियपति, अति प्रिय वस्तु प्रदायक, जगत्राता जन-मन-रंजन ॥
निधिपति, नव-निधियों के दाता, भाग्य-विधाता भव-भावन ।
श्रद्धा से हम करते सादर, देव! आपका आवाहन ॥
विश्व उदर में टिका आपके, विश्वरूप गणराज महान ।
सर्व शक्ति संचारक  तारक, दो अपने स्वरूप का ज्ञान ॥

रविवार, सितंबर 08, 2013

शुक्रवार, सितंबर 06, 2013

भजन: राम का गुणगान करिये

राम का गुणगान करिये, राम का गुणगान करिये।
राम प्रभु की भद्रता का, सभ्यता का ध्यान धरिये॥

राम के गुण गुणचिरंतन,
राम गुण सुमिरन रतन धन।
मनुजता को कर विभूषित,
मनुज को धनवान करिये, ध्यान धरिये॥

सगुण ब्रह्म स्वरुप सुन्दर,
सुजन रंजन रूप सुखकर।
राम आत्माराम,
आत्माराम का सम्मान करिये, ध्यान धरिये॥

Listen to the bhajan -
Ram Ka Gun Gan Kariye
MP3 Audio by Mudita Nigam

गुरुवार, सितंबर 05, 2013

भजन : राम नाम लौ लागी

राम नाम लौ लागी ।
अब मोहे राम नाम लौ लागी ॥

उदय हुआ शुभ भाग्य का भानु,
भक्ति भवानी जागी ॥१॥

मिट गये संशय भव भय भारे,
भ्रांति भूल भी भागी ॥२॥

पाप हरण श्री राम चरण का,
मन बन गया अनुरागी ॥३॥

Listen to the bhajan - 'Ram Nam Lau Lagi' - in the voice of Shri Jagannath PrasadJi Shrivastav

गुरुवार, अगस्त 08, 2013

भजन: चंदा चमके आसमान में



चंदा चमके आसमान में ,
बरखा बरसे आसमान से ,
बिजली चमके आसमान में ,
सूरज दमके आसमान से ,
बोलो बोलो, बनाने वाला कौन है ?
बोलो बोलो, चलाने वाला कौन है ?
बोलो बोलो, बनाने वाला कौन है ?
बोलो बोलो, चलाने वाला कौन है ?

धरती झूमे नदिया गाये सागर ताल देवे
कोयल कूके मैना गाये मोर मोरनी नाचे
कभी सोचा, बनाने वाला कौन है ?
कभी सोचा, चलाने वाला कौन है ?
बोलो, बोलो, बनाने वाला कौन है ?
बोलो, बोलो, चलाने वाला कौन है ?
बोलूँ, मम्मी,
ना ना ना

रंग बिरंगे फूल यहाँ पर बोलो कौन खिलाते
जितने प्राणी उतने रूप बोलो कौन बनाते
चुप चुपके बनाने वाला कौन है ?
चुप चुपके मिटाने वाला कौन है ?
बोलो बोलो, बनाने वाला कौन है ?
बोलो बोलो. चलाने वाला कौन है ?
राम

कोई इस धरती पर आता, कोई इससे जाता
आना जाना इस धरती का प्रति पल चलता जाता
ये आना और जाना किसके हाथ है
ये लेना और देना किसके हाथ है
बोलो बोलो बनाने वाला कौन है ?
बोलो बोलो चलाने वाला कौन है ?
बोलो बोलो, सरगम, बोलो ना

कृष्ण

जैसा कर्म करते हैं वे वैसा ही फल पाते
अपनी अपनी किस्मत लेकर वो हैं जग में आते
ये किस्मत बनाने वाला कौन है ?
'मधु' किस्मत मिटाने वाला कौन है ?
बोलो बोलो बनाने वाला कौन है ?
बोलो बोलो चलाने वाला कौन है ?

चंदा चमके आसमान में ,
बरखा बरसे आसमान से ,
बिजली चमके आसमान में ,
सूरज दमके आसमान से ,
बोलो बोलो, बनाने वाला कौन है ?
बोलो बोलो, चलाने वाला कौन है ?
बोलो बोलो, बनाने वाला कौन है ?
बोलो बोलो, मिटाने वाला कौन है ?
अल्लाह
हाँ

Song written , composed and sung by Mrs. Madhu Chandra

बुधवार, जुलाई 24, 2013

भजन : भज मन मेरे राम नाम तू , गुरु आज्ञा सिर धार रे

भज मन मेरे राम नाम तू , गुरु आज्ञा सिर धार रे 
नाम सुनौका बैठ मुसाफिर जा भवसागर पार रे 

राम नाम मुद मंगल कारी , विघ्न हरे सब पातक हारी  
सांस सांस श्री राम सिमर मन पथ के संकट टार रे 
भज मन मेरे ...


परम कृपालु सहायक है वो। बिनु कारन सुख दायक है वो।
केवल एक उसी के आगे। साधक बाँह पसार रे।
भज मन मेरे ...
 
गहन अंधेरा चहुं दिश छाया । पग पग भरमाती है माया।
जीवन पथ आलोकित कर ले । नाम - सुदीपक बार रे।
भज मन मेरे ...


परम सत्य है , परमेश्वर है । नाम प्रकाश पुन्य निर्झर है ।
उसी ज्योति से ज्योति जला निज । चहुं दिश कर उजियार रे।
भज मन मेरे ...
भज मन मेरे राम नाम तू गुरु आज्ञा सिर धार रे।
नाम सुनौका बैठ मुसाफिर जा भव सागर पार रे 



प्रियजन यदि आप यह वीडियो नहीं देख पायें तो कृपया निम्नांकित यू ट्यूब के लिंक पर जाएँ :
http://youtu.be/ncnjnkwz9Yw

Bhajan written, composed and sung by Shri VNS Bhola

सोमवार, जुलाई 08, 2013

भजन - मेरे मन मन्दिर मे राम बिराजे

Mere Man Mandir Mein Ram Virajein
by V N Shrivastav 'Bhola
from Shree Ram Sharanam




View and listen to this and other bhajans sung by him on the youtube channel, Bhola Krishna.

View the link below for the second part of this bhajan:


मेरे मन मन्दिर मे राम बिराजे।
ऐसी जुगति करो हे स्वामी ॥

अधिष्ठान मेरा मन होवे।
जिसमे राम नाम छवि सोहे ।
आँख मूंदते दर्शन होवे
ऐसी जुगति करो हे स्वामी ॥
मेरे मन ...

सांस सांस गुरु मन्त्र उचारूं।
रोमरोम से राम पुकारूं ।
आँखिन से बस तुम्हे निहारूं।
ऐसी जुगति करो हे स्वामी ॥
मेरे मन ...

औषधि रामनाम की खाऊं।
जनम मरन के दुख बिसराऊं ।
हंस हंस कर तेरे घर जाऊं।
ऐसी जुगति करो हे स्वामी ॥
मेरे मन ...

बीते कल का शोक करूं ना।
आज किसी से मोह करूं ना ।
आने वाले कल की चिन्ता।
नहीं सताये हम को स्वामी ॥
मेरे मन ...

राम राम भजकर श्री राम।
करें सभी जन उत्तम काम ।
सबके तन हो साधन धाम।
ऐसी जुगति करो हे स्वामी ॥
मेरे मन ...

आँखे मूंद के सुनूँ सितार।
राम राम सुमधुर झनकार ।
मन में हो अमृत संचार।
ऐसी जुगति करो हे स्वामी ॥
मेरे मन ...

मेरे मन मन्दिर मे राम बिराजे।
ऐसी जुगति करो हे स्वामी ॥

रविवार, जून 30, 2013

भजन - दाता राम दिये ही जाता

MP3 Audio of Bhajan
data Raam diye hi jata
From Shri Ram Sharanam
Voice V N Shrivastav Bhola



दाता राम दिये ही जाता ।
भिक्षुक मन पर नहीं अघाता।

देने की सीमा नहीं उनकी।
बुझती नहीं प्यास इस मन की ।
उतनी ही बढ़ती है तृष्णा।
जितना अमृत राम पिलाता।
दाता राम ...

कहो उऋण कैसे हो पाऊँ।
किस मुद्रा में मोल चुकाऊँ।
केवल तेरी महिमा गाऊँ।
और मुझे कुछ भी ना आता।
दाता राम ...

जब जब तेरी महिमा गाता ।
जाने क्या मुझको हो जाता ।
रुंधता कण्ठ नयन भर आते ।
बरबस मैं गुम सुम हो जाता।
दाता राम ...

दाता राम दिये ही जाता ॥


You can view and listen to this bhajan as well as many others at the Bholakrishna Youtube channel.

बुधवार, मई 29, 2013

भजन - रामहि राम बस रामहि राम

Bhajan by Shri V N Shrivastav Bhola
Listen to mp3 from Shree Ram Sharanam

राम हि राम बस राम हि राम ।
और नाहि काहू से काम।
राम हि राम बस ...

You can view and listen to this bhajan as well as many others at the Bholakrishna Youtube channel.



राम हि राम बस राम हि राम ।
और नाहि काहू से काम।
राम हि राम बस ...

तन में राम तेरे मन में राम ।
मुख में राम वचन में राम ।
जब बोले तब राम हि राम ।
और नाहि काहू से काम ।
राम हि राम बस रामहि राम ।।

जागत सोवत आठहु याम ।
नैन लखें शोभा को धाम ।
ज्योति स्वरूप राम को नाम ।
और नाहि काहू से काम ।
राम हि राम बस रामहि राम ।।

कीर्तन भजन मनन में राम ।
ध्यान जाप सिमरन में राम ।
मन के अधिष्ठान में राम ।
और नाहिं काहू सो काम ।
राम हि राम बस रामहि राम ।

सब दिन रात सुबह और शाम ।
बिहरे मन मधुबन में राम ।
परमानन्द शान्ति सुख धाम ।
और नाहि काहू से काम ।
राम हि राम बस रामहि राम ।

शुक्रवार, मई 17, 2013

भजन - नाच्यो बहुत गोपाल

Nachyo Bahut Gopal - MP3 Audio
By Shri V N Shrivastav 'Bhola'

नाच्यो बहुत गोपाल अब मैं
नाच्यो बहुत गोपाल ,

काम क्रोध को पहिर चोलना
कंठ विषय की माल,
अब मैं नाच्यो बहुत गोपाल

तृष्णा नाद करत घट भीतर
नाना विधि दे ताल,
भरम भयो मन भयो पखावज
चलत कुसंगत चाल,
अब मैं नाच्यो बहुत गोपाल

सूरदास की सबे अविद्या
दूर करो नन्दलाल,
अब में नाच्यो बहुत गोपाल

_______________________
See and hear this bhajan on BholaKrisha youtube channel at
http://www.youtube.com/watch?v=2jTZ9Rm3Uv0



अब मैं नाच्यों बहुत गुपाल ।

काम क्रोध को पहिरि चोलना, कंठ विषय की माल ।
महा मोह के नूपूर बाजत, निंदा शबद रसाल ।
भरम भरयो मन भयो पखावज, चलत कुसंगत चाल ।
तृष्णा नाद करत घट भीतर, नाना विधि दै ताल ।
माया को कटि फेटा बाँध्यो, लोभ तिलक दै भाल ।
कोटिक कला काँछि देखरार्इ, जल पल सुधि नहिं काल ।
सूरदास की सबै अविद्या दूरि करौ नंदलाल ।

गुरुवार, मई 02, 2013

भजन - राम कृष्ण कहिये उठि भोर


Here is a wonderful morning bhajan sung by Shri VNS Bhola.

In his autobiographical blog महावीर बिनवउँ हनुमाना, he writes:
मेरे परमप्रिय स्वजनों ,
लगभग ८० वर्ष पूर्व मेरी प्यारी अम्मा ने अपने बबुआ 'भोला' ' को प्रातः जगाते हुए यह कहा था -
"बबुआ ,
भोरे उठिके सबसे पहिले भगवान के नावं [नाम] लेबे के चाहीं" !
८३-८४ वर्ष की अवस्था पर आज मैं वही बात आपको सुना रहा हूँ ! प्रातः उठते ही अपने इष्ट का नाम लीजिए , [चाहे कोई भी हो वह - राम हो , कृष्ण या शंकर हो , ईसामसीह हो या मोहम्मद साहेब हों ].
अपने इष्ट के सद्गुणों को याद करिये , उनकी कृपाओं के लिए उन्हें धन्यवाद दीजिए !
View and listen to this and other bhajans sung by him on the youtube channel, Bhola Krishna.


हे राम, राम,
राम राम राम,
मेरे राम, मेरे राम

राम कृष्ण कहिये उठि भोर
राम कृष्ण कहिये उठि भोर

राम कृष्ण कहिये उठि भोर
राम कृष्ण कहिये उठि भोर
राम
राम
राम कृष्ण कहिये उठि भोर

अवध ईश ये धनुष धरे हैं
वो बृज माखन चोर

अवध ईश ये धनुष धरे हैं
वो बृज माखन चोर

राम, हरे राम राम राम
राम
राम कृष्ण कहिये उठि भोर
राम कृष्ण कहिये उठि भोर

इनके छत्र चंवर सिंघासन
इनके छत्र चंवर सिंघासन

भरत शत्रुहन लक्ष्मण जोर
भरत शत्रुघन लछमन जोर

उनके लकुट मुकुट पीताम्बर
उनके लकुट मुकुट पीताम्बर
नित गैयन संग नंदकिसोर
नित गैयन संग नंदकिसोर

राम कृष्ण कहिये उठि भोर
राम कृष्ण कहिये उठि भोर
राम कृष्ण कहिये
राम कृष्ण कहिये उठि भोर
राम कृष्ण कहिये उठि भोर

उठि भोर
उठि भोर

इन सागर में शिला तराई
इन सागर में सिला तराई

अरे, उन राख्यो गिरि नख की  कोर
उन राख्यो गिरि
उन राख्यो गिरि नख की कोर

'नंददास' प्रभु सब तज भजिये
'नंददास' प्रभु सब तज भजिये
जैसे, जैसे  निरखत  चंद्र चकोर

राम कृष्ण कहिये उठि भोर
राम कृष्ण कहिये उठि भोर
राम कृष्ण कहिये उठि भोर
राम कृष्ण कहिये उठि भोर

राम
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे .
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ..

हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे .
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ..

हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे .
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ..

शुक्रवार, मार्च 22, 2013

कीर्तन - आनन्दमयी माँ

MP3 Audio

या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता |
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः || || 5.73||  (दुर्गासप्तशती)

नमस्तेस्तु महारौद्रे महाघोरपराक्रमे ।
महाबले महोत्साहे महाभयविनाशिनि ॥
.. 16.. (दुर्गा कवच)

बोलो श्री श्री आनन्दमयी माँ की जय |
बोलो वृन्दावन  बिहारी लाल की जय ||

आनन्दमयी माँ | आनन्दमयी माँ ||
आनन्दमयी माँ | आनन्दमयी माँ ||

जय गुरु माँ । जय गुरु माँ ॥
कृपामयी दयामयी करुणामयी माँ ।
आनन्दमयी माँ | आनन्दमयी माँ ||

ब्रह्ममयी माँ  । आनन्दमयी माँ ॥



Youtube video with this bhajan (partial) as well as another bhajan in Ma's voice
https://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=bpQ6NKiby-o

बोलो माँ माँ माँ । माँ माँ माँ ।
डाको माँ माँ माँ। माँ माँ माँ ।
भजो माँ माँ माँ ।  माँ माँ माँ ।

जय गुरु जय गुरु जय गुरु माँ ।
बोलो माँ माँ माँ माँ । माँ माँ माँ माँ ।

हरिप्रिय माँ । भक्ति मयी माँ ॥
हरिप्रिय माँ । भक्ति प्रिय माँ ॥
आनन्दमयी माँ | आनन्दमयी माँ ||

जय गुरु, जय गुरु, जय गुरु माँ ।
बोलो जय माँ जय माँ । माँ माँ माँ ॥
माँ माँ माँ माँ । माँ माँ माँ माँ ।
बोलो माँ माँ माँ माँ । माँ माँ माँ ।
भजो माँ माँ माँ माँ । माँ माँ माँ ।
डाको माँ माँ माँ माँ । माँ माँ माँ ।
आनन्दमयी माँ | आनन्दमयी माँ ||

ब्रह्ममयी माँ । प्रेममयी माँ ॥
आनन्दमयी माँ | आनन्दमयी माँ ||

सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते ।
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते ॥ ५ ॥ (सप्तश्लोकी दुर्गा)

ॐ भवताप प्रणाशिन्यै आनन्दघन मूर्तये ।
ज्ञान भक्ति प्रदायिन्यै मातस्तुभ्यं नमो नमः ॥

बोलो श्री श्री आनन्दमयी माँ की जय ।

गुरुवार, मार्च 14, 2013

भजन : जाने अनजाने रे तू ही मन भाया




Watch and hear this bhajan on 'MadhuKeGeet' channel on youtube -
http://www.youtube.com/watch?v=Se0OkGrBsxQ


जाने अनजाने रे, तू ही मन भाया. (२)

ले चल अपनी नगरिया, मोहे दे के बांहों का सहारा . (२)
जाने अनजाने रे, तू ही मन भाया,
तू ही मन भाया ..

अब तो रंग गयी गिरिधर, तेरे ही रंग में,
सांवरा सलोना मेरो, बस गयो मेरे मन में,
जानूँ  ना प्रीत की रीत सांवरिया ,
ले चल अपनी नगरिया, मोहे दे के बांहों का सहारा . 
जाने अनजाने रे, तू ही मन भाया. (२)
तू ही मन भाया ..

जग  के बंधन गिरिधर, कैसे मैं तोड़ चलूं
तू ही अब राह दिखा दे, जिस पे मैं दौड़ चलूँ ,
राह ना सूझे, सांवरिया,
ले चल अपनी नगरिया, मोहे दे के बांहों का सहारा . 
जाने अनजाने रे, तू ही मन भाया.
तू ही मन भाया .. (३)








भजन : पिया सों मिलन कैसे होय री



Watch and hear this bhajan on 'MadhuKeGeet' channel on Youtube
http://www.youtube.com/watch?v=9ZWfafLd7YM

हरे कृष्ण हरे कृष्ण
राधे कृष्ण कृष्ण कृष्ण

मैं जानूँ नहीँ
पिया सों मिलन कैसे होय री

कृष्ण कृष्ण कृष्ण

हर आहट पे सोच लेती
आये होंगे सांवरियां
धड़ धड़ धड़के लागे जियरा
लूंगी उनकी खबरिया
आये नाहिं संवरिया
मैं जानूँ नहीँ
पिया सों मिलन कैसे होय री

हरे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण

कृष्ण कृष्ण कृष्ण

मन ही मन में बातें होती
मैं जो कहना चाहूं
सामने आते तोय सांवरिया
मैं ठगी रह जाऊं
मूरत बन रह जाऊँ
मैं जानूँ नहीँ
पिया सों मिलन कैसे होय री

कृष्ण कृष्ण कृष्ण

कई जन्मों से बिछड़ बिछड़ कर
अब तो रहा न जाए
हाथ पकड़ ले मधु सांवरिया
अब तो चला न जाए
अपने अंग लगा ले
जानूँ नाहीं
पिया सों मिलन कैसे होय री

मंगलवार, मार्च 05, 2013

भजन : तू ढूंढता है

Thanks to Geeta Jiji for link to this wonderful bhajan from yesteryears:

Song : Tu dhoondhta hai jisko.. fast and slow version 
Movie : Yatrik ,1952, 
Singer: Dhananjay Bhattacharya, 
Lyricist : Pt. Madhur, 
Music Director : Pankaj Mullick



 
तू ढूँढता है जिसको, बस्ती में या कि बन में
वो साँवरा सलोना रहता है, रहता है तेरे मन में ...

मस्जिद में, मंदिरों में, पर्वत के कन्दरों में (२)
नदियों के पानियों में, गहरे समंदरों में,
लहरा रहा है वो ही (२), खुद अपने बाँकपन में
वो साँवरा सलोना रहता है, रहता है तेरे मन में 
तू ढूँढता है ...

हर ज़र्रे में रमा है, हर फूल में बसा है (२)
हर चीज़ में उसी का जलवा झलक रहा है
हरकत वो कर रहा है (२), हर इक के तन बदन में
वो साँवरा सलोना रहता है, रहता है तेरे मन में
तू ढूँढता है ...

क्या खोया क्या था पाया, क्यूँ भाया क्यूँ न भाया 
क्यूँ सोचे जा रहा है, क्या पाया क्या न पाया 
सब छोड़ दे उसी पर (२), बस्ती में रहे कि बन में  
वो साँवरा सलोना रहता है, रहता है तेरे मन में
तू ढूँढता है ... 

भजन: राम नाम घनश्याम नाम

Thanks to Geeta Jiji for link to this wonderful bhajan from yesteryears:

Song: Raam naam Ghanshyam naam..
Film : Yatrik (1952),
Singer: Biren Bal,
Lyricist: B N Sharma ,
Musi Director : Pankaj Mullick,


राम नाम, घनश्याम नाम,
शिव नाम सिमर दिन रात .
हरि नाम सिमर दिन रात ..

राम नाम घनश्याम नाम
शिव नाम सिमर दिन रात
हरि नाम सिमर दिन रात,
जनम सफल तू कर ले अपना,
जनम सफल तू कर ले अपना
मान  ले मेरी बात,
हरि नाम सिमर दिन रात

राम नाम घनश्याम नाम
शिव नाम सिमर दिन रात
हरि नाम सिमर दिन रात

धन्य धन्य वो भूमि प्रभु ने
लिया जहाँ अवतार
धन्य  है वो स्थान जहाँ प्रभु-
प्रेम  का हो परचार (प्रचार)
धन्य  है तीरथ जिनकी यात्रा
मुक्ति की है बात
हरि नाम सिमर दिन रात

राम नाम घनश्याम नाम
शिव नाम सिमर दिन रात
हरि नाम सिमर दिन रात

काम क्रोध मोह लोभ छोड़ कर
नाम प्रभु का गा ले
मानुष तन जो पाया उसका
सच्चा लाभ उठा ले
जीवन ये अनमोल तिहारा
पल पल बीतत जात
हरि नाम सिमर
राम नाम सिमर
शिव नाम सिमर दिन रात
हरि नाम सिमर दिन रात

राम नाम घनश्याम नाम
शिव नाम सिमर दिन रात
हरि नाम सिमर दिन रात

Not in the video clip

पांच पाण्डवों ने जिस पथ पे
किया महा प्रस्थान
उस पथ पे चले जो भी प्राणी
उसका हो कल्याण
भूल जा तू जग की सब बातें
भूल न पर ये बात

हरि नाम सिमर
राम नाम सिमर
शिव नाम सिमर दिन रात
हरि नाम सिमर दिन रात

राम नाम घनश्याम नाम
शिव नाम सिमर दिन रात
हरि नाम सिमर दिन रात


rAm nAm, ghanashyAm nAm,
shiv nAm simar din rAt .
hari nAm simar din rAt ..

rAm nAm ghanashyAm nAm
shiv nAm simar din rAt
hari nAm simar din rAt,
janam saphal tU kar le apnA,
janam saphal tU kar le apnA
mAn  le merI bAt,
hari nAm simar din rAt

rAm nAm ghanashyAm nAm
shiv nAm simar din rAt
hari nAm simar din rAt

dhany dhany vo bhUmi prabhu ne
liyA jahA.N avtAr
dhany  hai vo sthAn jahA.N prabhu-
prem  kA ho parchAr (prachAr)
dhany  hai tIrath jinkI yAtrA
mukti kI hai bAt
hari nAm simar din rAt

rAm nAm ghanashyAm nAm
shiv nAm simar din rAt
hari nAm simar din rAt

kAm krodh moh lobh Cho.D kar
nAm prabhu kA gA le
mAnuSh tan jo pAyA uskA
sachchA lAbh uThA le
jIvan ye anmol tihArA
pal pal bItat jAt
hari nAm simar
rAm nAm simar
shiv nAm simar din rAt
hari nAm simar din rAt

rAm nAm ghanashyAm nAm
shiv nAm simar din rAt
hari nAm simar din rAt

Not in the video clip

pAMch pANDavoM ne jis path pe
kiyA mahA prasthAn
us path pe chale jo bhI prANI
uskA ho kalyAN
bhUl jA tU jag kI sab bAteM
bhUl na par ye bAt

hari nAm simar
rAm nAm simar
shiv nAm simar din rAt
hari nAm simar din rAt

rAm nAm ghanashyAm nAm
shiv nAm simar din rAt
hari nAm simar din rAt



मंगलवार, फ़रवरी 19, 2013

उत्थान पथ

श्री राम प्रेरणा द्वारा जस्टिस शिव दयाल जी श्रीवास्तव द्वारा संकलित उत्थान पथ नवंबर १९५६ में प्रकाशित हुआ था .

श्री राम चरितमानस तथा श्री मद्भगवद्गीता से चुने हुये इन दोहे, चौपाइयों और श्लोकों में उच्चतम धर्म के व्यवहारिक दर्शन का सार है, जिस के पठन, मनन और व्यवहारिक जीवन में घटित करने के प्रयास से सर्वांगी (अध्यात्मिक तथा लौकिक) उत्थान निश्चित है ।

प्रति दिन – प्रार्थना 

यत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धरः।
तत्र श्रीर्विजयो भूतिर्ध्रुवा नीतिर्मतिर्मम ॥



श्रीकृष्णार्पणमस्तु ।
हरि ॐ