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गुरुवार, जुलाई 03, 2025

वैद्य परम गुरु स्वामी - व्ही. एन. श्रीवास्तव 'भोला'

 Vaidya Param Guru Swami


मेरे वैद्य परमगुरु स्वामी॥

तन के सारे रोग मिटावें,
मन में परमानंद बसावें।
भय पीड़ायें दूर भगावें,
गुरु मेरे विज्ञानी॥
वैद्य परमगुरु स्वामी।

भूत भविष्य सब जन के जानै,
कष्ट भोग सबके अनुमाने।
औषधि मूल सबै पहिचाने,
सतगुरु अंतरयामी॥
वैद्य परमगुरु स्वामी।

जब रोगी थक हार बुलावै,
रामबाण गुरुदेव चलावै।
रोग लंकपति मार गिरावै,
पल में सतगुरु स्वामी॥
वैद्य परमगुरु स्वामी।

कल क्या होगा किसे ज्ञात है,
जन्मों का प्रारब्ध साथ है।
अगला पल श्री राम हाथ है,
कहते सद्गुरु स्वामी॥
वैद्य परमगुरु स्वामी।


शब्दकार, स्वरकार, गायक : व्ही. एन. श्रीवास्तव 'भोला'

शुक्रवार, जून 13, 2025

कृपा करो श्री राम - प्रीति चंद्रा



कृपा करो श्री राम ,
सब पर कृपा करो

मैं ना जानू किस विधि रीझो
अपनी नज़र मेहर की कीजो
आनंदकंद घनश्याम 
सब पर कृपा करो

आज तलक तो कोई सवाली 
तेरे दर से गया न खाली
भर दो घर में धन धान्य 
सब पर कृपा करो

गहरी नदिया निशा अंधेरी
ये  निर्दोष शरण है तेरी
लो गिरते को तुम थाम
सब पर कृपा करो

राम राम राम 
सिया राम राम राम 

बुधवार, जून 11, 2025

जो शरण आया प्रभु की - व्ही. एन. श्रीवास्तव 'भोला'


जो शरण आया प्रभु की, वह सदा सुख पायेगा।

अगम भवसागर बिना श्रम पार वह कर जायेगा।।


नाम लेते ही प्रभु का, दूर होंगे कष्ट सब।

दुसह पीडायेँ मिटेंगी, ध्यान लग जायेगा जब। 

शांति सुख के धाम का पट आप ही खुल जायेगा।। 


अनगिनत जन पार उतरे, राम नाम जहाज से।

गीध गणिका गज तरे, प्रभु नाम के ही जाप से।

नाम नैया बैठ कर भवसिंधु तू तर जायेगा।। 


जो शरण आया प्रभु की, वह सदा सुख पाएगा। 


शब्दकार, स्वरकार, गायक : व्ही. एन. श्रीवास्तव 'भोला'

सोमवार, जून 09, 2025

हरि बिन क्यूँ जीऊँ री माई - नंदिनी


हरि बिन क्यूँ जीऊँ री माय।

हरि कारण बौरी भई, जस काठहि घुन खाय।

औषध मूल न संचरै, मोहि लागौ बौराय।

कमठ दादुर बसत जलमँह, जलहि ते उपजाय।

हरि ढूढँन गई बन-बन, कहुँ मुरली धुन पाय।

मीरा के प्रभु लाल गिरधर, मिलि गये सुखदाय।

शुक्रवार, मई 30, 2025

जय कृष्ण हरे श्री कृष्ण हरे


जय कृष्ण हरे श्री कृष्ण हरे .
दुखियों के दुख दूर करे 
जय जय जय कृष्ण हरे ..

जब चारों तरफ़ अंधियारा हो 
आशा का दूर किनारा हो .
जब कोई ना खेवन हारा हो 
तब तू ही बेड़ा पार करे .
तू ही बेड़ा पार करे 
जय जय जय कृष्ण हरे ..

तू चाहे तो सब कुछ कर दे 
विष को भी अमृत कर दे .
पूरण कर दे उसकी आशा 
जो भी तेरा ध्यान धरे .
जो भी तेरा ध्यान धरे 
जय जय जय कृष्ण हरे ..

जय कृष्ण हरे श्री कृष्ण हरे .
दुखियों के दुख दूर करे 
जय जय जय कृष्ण हरे ..