यह ब्लॉग खोजें

गुरुवार, सितंबर 25, 2008

कौशल्या रानी अपने लला को दुलरावे

कौशल्या रानी अपने लला को दुलरावे
सुनयना रानी अपनी लली को दुलरावे

मुख चू्मे और कण्ठ लगावे
मन में मोद में मनावे
कौशल्या रानी
मन में मोद में मनावे

शिव ब्रह्मा जाको पार न पावे
निगम नेति कहि गावे
कौशल्या रानी
निगम नेति कहि गावे

हरि सहचरि बड़ भाग्य निराली
अपनी गोद खिलावे
कौशल्या रानी
अपनी गोद खिलावे

कोई टिप्पणी नहीं: