यह ब्लॉग खोजें

रविवार, सितंबर 07, 2008

बधैया बाजे

बधैया बाजे, आंगने में बधैया बाजे ..

राम, लखन, शत्रुघन, भरतजी, झूलें कंचन पालने में .
बधैया बाजे, आंगने में बधैया बाजे ..

राजा दसरथ रतन लुटावै, लाजे ना कोउ माँगने में .
बधैया बाजे आंगने में बधैया बाजे ..

प्रेम मुदित मन तीनों रानी, सगुन मनावैं मन ही मन में .
बधैया बाजे आंगने में बधैया बाजे ..

राम जनम को कौतुक देखत, बीती रजनी जागने में
बधैया बाजे आंगने में बधैया बाजे ..