मंगल मूरति राम दुलारे,
आन पड़ा अब तेरे द्वारे,
हे बजरंगबली हनुमान,
हे महावीर करो कल्याण,
हे महावीर करो कल्याण ॥
तीनों लोक तेरा उजियारा,
दुखियों का तूने काज सँवारा,
हे जगवंदन केसरीनंदन,
कष्ट हरो हे कृपानिधान ॥
मंगल मूरति राम दुलारे…
तेरे द्वारे जो भी आया,
खाली नहीं कोई लौटाया,
दुर्गम काज बनावन हारे,
मंगलमय दीजो वरदान ॥
मंगल मूरति राम दुलारे…
तेरा सुमिरन हनुमत वीरा,
नासे रोग हरे सब पीरा,
राम लखन सीता मन बसिया,
शरण पड़े का कीजे ध्यान ॥
मंगल मूरति राम दुलारे…
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