नमो अंजनिनंदनं वायुपूतम्
सदा मंगलाकर श्रीरामदूतम् ।
महावीर वीरेश त्रिकाल वेशम्
घनानन्द निर्द्वन्द हर्तां कलेशम् ।
नमो अंजनिनंदनं वायुपूतम्
सदा मंगलाकर श्रीरामदूतम् ।
संजीवन जड़ी लाय नागेश काजे
गयी मूर्च्छना रामभ्राता निवाजे।
सकल दीन जन के हरो दुःख स्वामी
नमो वायुपुत्रं नमामि नमामि।
नमो अंजनि नंदनं वायुपूतम्
सदा मंगलागार श्री राम दूतम् ।
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