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शनिवार, मई 28, 2022

नमो अंजनिनंदनं वायुपूतम् - उमा

नमो अंजनिनंदनं वायुपूतम्  
सदा मंगलाकर श्रीरामदूतम् ।

महावीर वीरेश त्रिकाल वेशम् 
घनानन्द निर्द्वन्द हर्तां कलेशम् ।

नमो अंजनिनंदनं वायुपूतम्  
सदा मंगलाकर श्रीरामदूतम् ।

संजीवन जड़ी लाय नागेश काजे
गयी मूर्च्छना रामभ्राता निवाजे।

सकल दीन जन के हरो दुःख स्वामी
नमो वायुपुत्रं नमामि नमामि।

नमो अंजनि नंदनं वायुपूतम्  
सदा मंगलागार श्री राम दूतम् ।

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