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शुक्रवार, मई 27, 2022

कान्हा तोरी जोहत रह गई बाट - उमा

कान्हा तोरी जोहत रह गई बाट ।

जोहत जोहत एक पग ठानी,
कालिंदी के घाट,
कान्हा तोरी जोहत रह गई बाट ।

झूठी प्रीत करी मनमोहन,
या कपटी की बात,
कान्हा तोरी जोहत रह गई बाट ।

मीरा के प्रभु गिरघर नागर,
दे गियो बृज को चाठ,
कान्हा तोरी जोहत रह गई बाट ।

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