bhajan - hari ko nam sada sukhdai
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हरि को नामु सदा सुखदाई ॥
जाको सिमरि अजामिल तरियो गनिका हू गति पाई ॥
पांचाली को राज सभा में राम नाम सुधि आई ॥
ताको दुःख हरयो करुणामय, अपनी पैज बढाई ॥
जेहि नर जसु कृपानिधि गायो ता को भयो सहाई ॥
कहु नानक मै यही भरोसो आन गयो शरनाई ||
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हरि को नामु सदा सुखदाई ॥
जाको सिमरि अजामिल तरियो गनिका हू गति पाई ॥
पांचाली को राज सभा में राम नाम सुधि आई ॥
ताको दुःख हरयो करुणामय, अपनी पैज बढाई ॥
जेहि नर जसु कृपानिधि गायो ता को भयो सहाई ॥
कहु नानक मै यही भरोसो आन गयो शरनाई ||
1 टिप्पणी:
Good👍
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