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मंगलवार, अगस्त 18, 2015

भजन: या मोहन के मैं रूप लुभानी

bhajan: ya mohan ke main roop lubhani

Click here to listen to the bhajan sung by Shri Gajadhar Prasad Ji Shrivastav

या मोहन के मैं रूप लुभानी ।

जमना के नीरे तीरे धेनु चरावै
बंसी से गावै मीठी बानी ।।

तन मन धन गिरधर पर बारूं
चरणकंवल मीरा लपटानी ।।

सुंदर बदन कमलदल लोचन
बांकी चितवन मंद मुसकानी ।।


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