bhajan: ya mohan ke main roop lubhani
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या मोहन के मैं रूप लुभानी ।
जमना के नीरे तीरे धेनु चरावै
बंसी से गावै मीठी बानी ।।
तन मन धन गिरधर पर बारूं
चरणकंवल मीरा लपटानी ।।
सुंदर बदन कमलदल लोचन
बांकी चितवन मंद मुसकानी ।।
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