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बुधवार, अक्तूबर 07, 2015

भजन: को माता को पिता हमारे

Bhajan: ko mata ko pita hamare

को माता को पिता हमारे ।

कब जनमत हमको तुम देख्यो,
हँसी लगत सुन बैन तुम्हारे ।

कब माखन चोरी कर खायो,
कब बांधे महतारी ।
दुहत कौन सी गइया चारत,
बात कही जे भारी ।
तुम जानत मोहि नंद ढ़िठौना,
नंद कहा ते आये ।।

हम पूरन अविगत अविनासी,
माया ठगनी भुलाये ।
ये सुन ग्वालिन सब मुस्कानी,
हरष मगन हो उठाये ।
सूर श्याम जो निठुरैं सबहीं,
मात पिता हूँ नहीं माने ।




ko mAtA ko pitA hamAre |

kab janmat hamko tum dekhyo,
ha.NsI lagat sun bain tumhAre |

kab mAkhan chorI kar khAyo,
kab bAMdhe mahtArI |
duhat kaun sI ga_iyA chArat,
bAt kahI je bhArI |
tum jAnat mohi naMd .DhiThaunA,
naMd kahA te Aye ||

ham pUran avigat avinAsI,
mAyA ThagnI bhulAye |
ye sun gvAlin sab muskAnI,
haraSh magan ho uThAye |
sUr shyAm jo niThuraiM sabhIM,
mAt pitA hU.N nahIM mAne |

https://www.youtube.com/embed/_v67O7GiHrY

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