Bhajan: Bhagavat bhgawan kee hai arati
भागवत भगवान की है आरती
पापियों को पाप से है तारती
ये अमर ग्रन्थ , यह मुक्ति पंथ ,
है पंचम वेद निराला ,
नव ज्योति जगाने वाला !
हरि ज्ञान यही , वरदान यही ,
जग मंगल की है आरती ,
पापियों को पाप से है तारती
ये शांति दीप , पावन पुनीत ,
पापों को मिटाने वाला ,
हरि दरस दिखाने वाला !
ये सुख करनी , है दुख हरनी ,
यह मधुसूदन की आरती ,
पापियों को पाप से है तारती
ये मधुर बोल , भव फंद खोल ,
सन्मार्ग दिखाने वाला ,
बिगडी को बनाने वाला ,
श्री राम यही , घनश्याम यही ,
सबकी महिमा की आरती ,
पापियों को पाप से ही तारती
भागवत भगवान की है आरती
पापियों को पाप से है तारती
ये अमर ग्रन्थ , यह मुक्ति पंथ ,
है पंचम वेद निराला ,
नव ज्योति जगाने वाला !
हरि ज्ञान यही , वरदान यही ,
जग मंगल की है आरती ,
पापियों को पाप से है तारती
ये शांति दीप , पावन पुनीत ,
पापों को मिटाने वाला ,
हरि दरस दिखाने वाला !
ये सुख करनी , है दुख हरनी ,
यह मधुसूदन की आरती ,
पापियों को पाप से है तारती
ये मधुर बोल , भव फंद खोल ,
सन्मार्ग दिखाने वाला ,
बिगडी को बनाने वाला ,
श्री राम यही , घनश्याम यही ,
सबकी महिमा की आरती ,
पापियों को पाप से ही तारती
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