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मंगलवार, अगस्त 12, 2008

रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर ..

रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर ..

देस देस से टीको आयो रतन कनक मनि हीर .

घर घर मंगल होत बधाई भै पुरवासिन भीर .

आनंद मगन होइ सब डोलत कछु ना सौध शरीर .

मागध बंदी सबै लुटावैं गौ गयंद हय चीर .

देत असीस सूर चिर जीवौ रामचन्द्र रणधीर .