Bhajan: sune ri maine nirbal ke bal ram
Listen to this bhajan sung by Shri V N Shrivastav 'Bhola' by clicking here.
सुने री मैंने निरबल के बल राम ,
पिछली साख भरूँ संतन की अड़े सँवारे काम ।
जब लग गज बल अपनो बरत्यो, नेक सरयो नहीं काम ,
निर्बल ह्वै बल राम पुकार्यो,आये आधे नाम ।
सुने री मैंने निरबल के बल राम ।
द्रुपद सुता निर्बल भईं ता दिन ,तजि आये निज धाम ,
दुस्सासन की भुजा थकित भई, वसन रूप भये राम ।
सुने री मैंने निरबल के बल राम ।
अप बल,तप बल और बाहु बल ,चौथा है बल राम ,
सूर किशोर कृपा से सब बल हारे को हरिनाम ।
Listen to this bhajan sung by Shri V N Shrivastav 'Bhola' by clicking here.
सुने री मैंने निरबल के बल राम ,
पिछली साख भरूँ संतन की अड़े सँवारे काम ।
जब लग गज बल अपनो बरत्यो, नेक सरयो नहीं काम ,
निर्बल ह्वै बल राम पुकार्यो,आये आधे नाम ।
सुने री मैंने निरबल के बल राम ।
द्रुपद सुता निर्बल भईं ता दिन ,तजि आये निज धाम ,
दुस्सासन की भुजा थकित भई, वसन रूप भये राम ।
सुने री मैंने निरबल के बल राम ।
अप बल,तप बल और बाहु बल ,चौथा है बल राम ,
सूर किशोर कृपा से सब बल हारे को हरिनाम ।
सुने री मैंने निरबल के बल राम ।
1 टिप्पणी:
चौथा बल है दाम
एक टिप्पणी भेजें