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शुक्रवार, अक्तूबर 28, 2016

भजन: सुने री मैंने निरबल के बल राम

Bhajan: sune ri maine nirbal ke bal ram

Listen to this bhajan sung by Shri V N Shrivastav 'Bhola' by clicking here.

सुने री मैंने निरबल के बल राम ,
पिछली साख भरूँ संतन की अड़े सँवारे काम ।

जब लग गज बल अपनो बरत्यो, नेक सरयो नहीं काम ,
निर्बल ह्वै बल राम पुकार्‌यो,आये आधे नाम ।
सुने री मैंने निरबल के बल राम ।

द्रुपद सुता निर्बल भईं ता दिन ,तजि आये निज धाम ,
दुस्सासन की भुजा थकित भई, वसन रूप भये राम ।
सुने री मैंने निरबल के बल राम ।

अप बल,तप बल और बाहु बल ,चौथा है बल राम ,
सूर किशोर कृपा से सब बल हारे को हरिनाम ।
सुने री मैंने निरबल के बल राम ।

1 टिप्पणी:

Neo ने कहा…

चौथा बल है दाम