राम का गुणगान करिये, राम का गुणगान करिये।
राम प्रभु की भद्रता का, सभ्यता का ध्यान धरिये॥
राम के गुण गुणचिरंतन,
राम गुण सुमिरन रतन धन।
मनुजता को कर विभूषित,
मनुज को धनवान करिये, ध्यान धरिये॥
सगुण ब्रह्म स्वरुप सुन्दर,
सुजन रंजन रूप सुखकर।
राम आत्माराम,
आत्माराम का सम्मान करिये, ध्यान धरिये॥
Listen to the bhajan -
Ram Ka Gun Gan Kariye
MP3 Audio by Mudita Nigam
राम प्रभु की भद्रता का, सभ्यता का ध्यान धरिये॥
राम के गुण गुणचिरंतन,
राम गुण सुमिरन रतन धन।
मनुजता को कर विभूषित,
मनुज को धनवान करिये, ध्यान धरिये॥
सगुण ब्रह्म स्वरुप सुन्दर,
सुजन रंजन रूप सुखकर।
राम आत्माराम,
आत्माराम का सम्मान करिये, ध्यान धरिये॥
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