Nachyo Bahut Gopal - MP3 Audio
By Shri V N Shrivastav 'Bhola'
नाच्यो बहुत गोपाल अब मैं
नाच्यो बहुत गोपाल ,
काम क्रोध को पहिर चोलना
कंठ विषय की माल,
अब मैं नाच्यो बहुत गोपाल
तृष्णा नाद करत घट भीतर
नाना विधि दे ताल,
भरम भयो मन भयो पखावज
चलत कुसंगत चाल,
अब मैं नाच्यो बहुत गोपाल
सूरदास की सबे अविद्या
दूर करो नन्दलाल,
अब में नाच्यो बहुत गोपाल
_______________________
See and hear this bhajan on BholaKrisha youtube channel at
http://www.youtube.com/watch?v=2jTZ9Rm3Uv0
अब मैं नाच्यों बहुत गुपाल ।
काम क्रोध को पहिरि चोलना, कंठ विषय की माल ।
महा मोह के नूपूर बाजत, निंदा शबद रसाल ।
भरम भरयो मन भयो पखावज, चलत कुसंगत चाल ।
तृष्णा नाद करत घट भीतर, नाना विधि दै ताल ।
माया को कटि फेटा बाँध्यो, लोभ तिलक दै भाल ।
कोटिक कला काँछि देखरार्इ, जल पल सुधि नहिं काल ।
सूरदास की सबै अविद्या दूरि करौ नंदलाल ।
By Shri V N Shrivastav 'Bhola'
नाच्यो बहुत गोपाल अब मैं
नाच्यो बहुत गोपाल ,
काम क्रोध को पहिर चोलना
कंठ विषय की माल,
अब मैं नाच्यो बहुत गोपाल
तृष्णा नाद करत घट भीतर
नाना विधि दे ताल,
भरम भयो मन भयो पखावज
चलत कुसंगत चाल,
अब मैं नाच्यो बहुत गोपाल
सूरदास की सबे अविद्या
दूर करो नन्दलाल,
अब में नाच्यो बहुत गोपाल
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http://www.youtube.com/watch?v=2jTZ9Rm3Uv0
अब मैं नाच्यों बहुत गुपाल ।
काम क्रोध को पहिरि चोलना, कंठ विषय की माल ।
महा मोह के नूपूर बाजत, निंदा शबद रसाल ।
भरम भरयो मन भयो पखावज, चलत कुसंगत चाल ।
तृष्णा नाद करत घट भीतर, नाना विधि दै ताल ।
माया को कटि फेटा बाँध्यो, लोभ तिलक दै भाल ।
कोटिक कला काँछि देखरार्इ, जल पल सुधि नहिं काल ।
सूरदास की सबै अविद्या दूरि करौ नंदलाल ।
3 टिप्पणियां:
प़ेमपगा
प़ेमपगा
मनोहारी भजन मनोहारी प्रस्तुति।
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