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बुधवार, दिसंबर 26, 2012

भजन - जागो मोहन प्यारे

जागो मोहन प्यारे, जागो जागो

जागो बंसीवारे ललना
जागो मोरे प्यारे ..

रजनी बीती भोर भयो है
घर घर खुले किवाड़े .
गोपी दही मथत सुनियत है
कंगना की झनकारे ..

उठो लालजी भोर भयो है
सुर नर ठाड़े द्वारे .
ग्वालबाल सब करत कोलाहल
जय जय शब्द उचारे ..

माखन रोटी हाथ में लीजे
गौअन के रखवारे .
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर
शरण आया को तारे ..

Listen to MP3 Bhajan

मंगलवार, दिसंबर 25, 2012

भजन : भूलते हरि नहीं

भूलते हरि नहीं, हम ही उन्हें भुलाते हैं (२)
प्रेम से प्रभु को पुकारो तो चले आते

भक्त प्रहलाद पे संकट महान आया था
स्वयं पिता ने खडग क्रोध में उठाया था
ध्यान प्रह्लाद ने हरि चरणों में लगाया था
बन के नरसिंह दयासिंधु ने बचाया था
सर्वव्यापी प्रभु, ओ ओ ओ ,
सर्वव्यापी प्रभु खम्बे से निकल आते

भूलते हरि नहीं, हम ही उन्हें भुलाते हैं
प्रेम से प्रभु को पुकारो तो चले आते

Listen to MP3 Bhajan sung by Dr. Uma Srivastava

बुधवार, दिसंबर 19, 2012

भक्ति प्रकाश से

प्रातः स्मरणीय पूज्य स्वामी सत्यानन्द जी महाराज कृत
"भक्ति प्रकाश" से


सत्य ज्ञान आनंद के परम धाम श्री राम | 
पुलकित हो मेरा तुझे होवे बहु प्रणाम ||

आया तेरे द्वार पर, दुखी अबल तव बाल |
पावन अपने प्रेम से, करिये इसे निहाल ||

पावन तेरा नाम है, पावन तेरा धाम | 
अतिशय पावन रूप तू, पावन तेरा काम ||

निश्चय अपने नाम का, भक्ति प्रेम प्रकाश |
दे निश्चय निज रूप का, अपना दृढ़ विश्वास ||

मेरा तन मंदिर बने, मन में नाम बसाय |
वाणी में हो कीर्तन, परम प्रेम में आय ||

उत्तम मेरे कर्म हों, राम इच्छा अनुसार |
तुझमें सब जन ही बनें, रत्न पिरोए तार ||

जय विजय बसे देश में, फैले सुनीति न्याय |
स्व पर का भय भी कभी, जन को नहीं सताय ||

मार्ग सत्य दिखाइए, संत सुजन का पाथ |
पाप से हमें बचाइए, पकड़ हमारा हाथ ||

भक्ति प्रेम से सींचिये, कर के दया दयाल |
अपनी श्रद्धा दान कर, सबको करो निहाल ||

तेरी जय जयकार हो, दश दिश चारों कूंट |
नाम अमीरस मधुर का, पान करे सब घूँट ||

नाम नाद की गूँजती, मधुर सुरीली तान |
राम नाम के शब्द को, सुने सभी के कान ||

जय जय तेरी बोल कर, तेरे गीत को गाय |
तेरा यश वर्णन करूँ, तेरा नाम जपाय ||

निज निश्चय का तेज दे, प्रीति किरण के साथ |
साथ रहे शुभ कर्म में, मंगलमय तव हाथ ||

गूंजे मधुमय नाम की, ध्वनि नाभि के धाम |
हृदय मस्तक कमल में राम राम ही राम ||

मुझे भरोसा राम तू, दे अपना अनमोल ||
रहूँ मस्त निश्चिन्त मैं, कभी ना जाऊं डोल ||

मुझे भरोसा परम है, राम राम ही राम |
मेरी जीवन-ज्योति है, वही मेरा विश्राम ||


सोमवार, दिसंबर 10, 2012

भजन : भज मन राम चरण सुखदाई

भज मन राम चरण सुखदाई ॥

जिहि चरनन से निकलीं सुरसरि
शंकर जटा समायी ।
जटा सन्करी नाम परयो है
त्रिभुवन तारन आयी ॥
राम चरण सुखदाई ॥

जिन्ह चरणन की चरण पादुका
भरत रह्यो लव लाई ।
सोइ चरण केवट धोइ लीन्हे
तब हरि नाव चलाई ॥
राम चरण सुखदाई ॥

MP3 Audio  of Bhajan by Madhu Chandra

भजन - तू दयालु दीन हौं - बाजी

तू दयालु, दीन हौं, तू दानि, हौं भिखारी।
हौं प्रसिद्ध पातकी, तू पाप-पुंज-हारी॥

नाथ तू अनाथ को, अनाथ कौन मोसो।
मो समान आरत नहिं, आरतिहर तोसो॥

ब्रह्म तू, हौं जीव, तू है ठाकुर, हौं चेरो।
तात-मात, गुरु-सखा, तू सब विधि हितु मेरो॥

तोहिं मोहिं नाते अनेक, मानियै जो भावै।
ज्यों त्यों तुलसी कृपालु! चरन-सरन पावै॥

MP3 Audio of Bhajan sung by Madhu Chandra

गुरुवार, अक्टूबर 04, 2012

भजन : मेरो मन राम ही राम रटे रे

मेरो मन राम ही राम रटे रे

राम नाम जप लीजे प्राणी
कोटिक पाप कटे रे

जनम जनम के खत जो पुराने
नाम ही लेत फटे रे

Listen to the bhajan - MP3 by Anil and Induja Shrivastava

म्हारो मन राम-ईराम-रटे।
राम नाम जप लीजे प्राणी, कोटो पाप कटे।
जनम जनम रा खत जे पुरामआ, नाम ई लेत फटे।
कनक कटोरे इमरत भरियो, पीतां कूण नटे।
मीरा रा प्रभु हरि अविनासी, तन मन थारे पटे।

भजन : पायो जी मैंने राम रतन धन पायो

पायो जी मैंने, राम रतन धन पायो ..

वस्तु अमोलिक, दी मेरे सतगुरु, किरपा करि अपनायो .

जनम जनम की पूंजी पाई, जग में सभी खोवायो .

खरचै न खूटै, जाको चोर न लूटै, दिन दिन बढ़त सवायो .

सत की नाव, खेवटिया सतगुरु, भवसागर तर आयो .

मीरा के प्रभु गिरिधर नागर, हरष हरष जस गायो .


Listen to Bhajan -
Payo ji maine Ram Ratan Dhan Payo
MP3 Audio by Sau.  Amita Shrivastava

बुधवार, अप्रैल 18, 2012

भजन : दूजा नाहीं मन भायो



जब से तोरे संग नेहा लागे कान्हा
दूजा नाहिं मन भायो
दूजा नाहीं मन भायो

मनवा मोरा इत उत डोलत
इक पल चैन न पाए
तोरी प्रीत की डोरी संग बंध
इत उत जा ना पाए
चरणों में मुझे ले लो प्रभुजी
अब ना भटका जाए
आ जा रे मोरे कान्हा
आ जा रे (३)

दोउ नैना बाट निहारे तोरी
हर पल बरसत जाए
आवन की तोरी आस ले कर
इक पल झपक ना पाए
मन मंदिर में आ जा प्रभुजी
अब ना जाने दूंगी
आ जा रे मोरे कान्हा तू
आ जा रे (३)

मन ही तेरा कृष्ण कन्हैया
मन ही तेरी राधा
जग में रह कर जो भी करता
है उसकी अभिलाषा
दे ऐसा वरदान मधु अब
मधु श्याम मन भाये
आ जा रे मोरे कान्हा तू
आ जा रे (३)