Raghubar Tum Ko Meri Laj
by Premjeet Kaur
from Shree Ram Sharanam
रघुबर तुमको मेरी लाज
सदा सदा मैं शरण तिहारी
तुम हो ग़रीब नेवाज
रघुबर तुम हो ग़रीब नेवाज
रघुबर तुमको मेरी लाज
पतित उधारन विरद तिहारो
श्रवन न सुनी आवाज
हूँ तो पतित पुरातन कहिये
पार उतारो जहाज रघुबर
पार उतारो जहाज
रघुबर ...
अघ खण्डन दुख भंजन जन के
यही तिहारो काज
रघुबर यही तिहारो काज
तुलसीदास पर किरपा कीजे
भक्ति दान देहु आज
रघुबर भक्ति दान देहु आज
रघुबर तुमको मेरी लाज ...
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