Beet Gaye Din Bhajan Bina Re
by Anjana Bhattacharya and Premjeet Kaur
from Shri Ram Sharanam, Delhi.
बीत गये दिन भजन बिना रे।
भजन बिना रे भजन बिना रे॥
बाल अवस्था खेल गवांयो।
जब यौवन तब मान घना रे॥
लाहे कारण मूल गवाँयो।
अजहुं न गयी मन की तृष्णा रे॥
कहत कबीर सुनो भई साधो।
पार उतर गये संत जना रे॥
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