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शनिवार, जून 04, 2022

डगमग डगमग डोले नैया ---- उमा

डगमग डगमग डोले नैया
पार लगावो तो जानूँ खेवैया 

चंचल चित्त को मोह ने घेरा, 
पग-पग पर है पाप का डेरा,
लाज रखो तो लाज रखैया
पार लगावो तो जानूँ खेवैया 

छाया चारों ओर अँधेरा, 
तुम बिन कौन सहारा मेरा,
हाथ पकड़ कर बंसी बजैया
पार लगावो तो जानूँ खेवैया 

भक्तों ने तुमको मनाया भजन से, 
मैं तो रिझाऊँ तुम्हें आँसुवन से,
गिरतों को आ के उठावो कन्हैया
पार लगावो तो जानूँ खेवैया 



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