Bhajan: Ram Bhaja so Jeeta Jag Me
Listen to the bhajan sung by Shri V N Shrivastav 'Bhola'
राम भजा सो जीता जग में,
राम भजा सो जीता रे।
हृदय शुद्ध नही कीन्हों मूरख,
कहत सुनत दिन बीता रे।
राम भजा सो जीता जग में ...
हाथ सुमिरनी, पेट कतरनी,
पढ़ै भागवत गीता रे।
हिरदय सुद्ध किया नहीं बौरे,
कहत सुनत दिन बीता रे।
राम भजा सो जीता जग में ...
और देव की पूजा कीन्ही,
हरि सों रहा अमीता रे।
धन जौबन तेरा यहीं रहेगा,
अंत समय चल रीता रे।
राम भजा सो जीता जग में ...
बाँवरिया बन में फंद रोपै,
संग में फिरै निचीता रे।
कहे 'कबीर' काल यों मारे,
जैसे मृग कौ चीता रे।
राम भजा सो जीता जग में ...
Listen to the bhajan sung by Shri V N Shrivastav 'Bhola'
राम भजा सो जीता जग में,
राम भजा सो जीता रे।
हृदय शुद्ध नही कीन्हों मूरख,
कहत सुनत दिन बीता रे।
राम भजा सो जीता जग में ...
हाथ सुमिरनी, पेट कतरनी,
पढ़ै भागवत गीता रे।
हिरदय सुद्ध किया नहीं बौरे,
कहत सुनत दिन बीता रे।
राम भजा सो जीता जग में ...
और देव की पूजा कीन्ही,
हरि सों रहा अमीता रे।
धन जौबन तेरा यहीं रहेगा,
अंत समय चल रीता रे।
राम भजा सो जीता जग में ...
बाँवरिया बन में फंद रोपै,
संग में फिरै निचीता रे।
कहे 'कबीर' काल यों मारे,
जैसे मृग कौ चीता रे।
राम भजा सो जीता जग में ...
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