Listen to VNS 'Bhola' teaching the bhajan to Prarthana & Chhavi.
ये सब तुम्हारी मैहर है प्यारे,
ये सब तुम्हारी मैहर है बाबा, कि अब भी महफिल जमी हुई है ।
जहाँ भी देखूँ जिधर भी देखूँ, तुम्हारी मूरत/सूरत पड़े दिखाई ।
यहाँ के हर शय में प्यारे बाबा, तुम्हारी ख़ुशबू भरी हुई है ॥
ये सब तुम्हारी मैहर है बाबा, कि अब भी महफिल जमी हुई है ।
जो आँख मूदूँ तो यूँ लगे ज्योँ, तू पास में ही खड़ा हुआ है ।
ज़मीं से अम्बर तलक फि़ज़ा ये, तेरे ही रंग में रंगी हुई है ॥
ये सब तुम्हारी मैहर है बाबा, कि अब भी महफिल जमी हुई है ।
सजल हमारे नयन मगर तू, मधुर मधुर मुस्कुरा रहा है ।
तेरी मधुर मुसकान से अपनी, अंतर्ज्योति जगी हुई है ॥
ये सब तुम्हारी मैहर है बाबा, कि अब भी महफिल जमी हुई है ।
साईं राम साईं राम -----------
ये सब तुम्हारी मैहर है प्यारे,
ये सब तुम्हारी मैहर है बाबा, कि अब भी महफिल जमी हुई है ।
जहाँ भी देखूँ जिधर भी देखूँ, तुम्हारी मूरत/सूरत पड़े दिखाई ।
यहाँ के हर शय में प्यारे बाबा, तुम्हारी ख़ुशबू भरी हुई है ॥
ये सब तुम्हारी मैहर है बाबा, कि अब भी महफिल जमी हुई है ।
जो आँख मूदूँ तो यूँ लगे ज्योँ, तू पास में ही खड़ा हुआ है ।
ज़मीं से अम्बर तलक फि़ज़ा ये, तेरे ही रंग में रंगी हुई है ॥
ये सब तुम्हारी मैहर है बाबा, कि अब भी महफिल जमी हुई है ।
सजल हमारे नयन मगर तू, मधुर मधुर मुस्कुरा रहा है ।
तेरी मधुर मुसकान से अपनी, अंतर्ज्योति जगी हुई है ॥
ये सब तुम्हारी मैहर है बाबा, कि अब भी महफिल जमी हुई है ।
साईं राम साईं राम -----------
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