संत श्री स्वामी एकरसानंद जी सरस्वती से प्राप्त दस उपदेश - ये परमात्मा की आज्ञा है, वेद तथा गीतानुसार हैं। जो इन पर चलेगा, उसकी मुक्ति अवश्य होगी।
पहला - संसार को स्वप्नवत जानो
दूसरा - अति हिम्मत रखो
तीसरा - अखंड प्रफुल्लित रहो, दुख में भी
चौथा - परमात्मा का स्मरण करो, जितना बन सके
पांचवा - किसी को दुःख मत दो, बने तो सुख दो
छठा - सभी पर अति प्रेम रखो
सातवाँ - नूतन बालवत स्वभाव रखो
आठवाँ - मर्यादानुसार चलो
नवां - अखंड पुरुषार्थ करो, गंगा प्रवाहवत; आलसी मत बनो
दसवां - जिसमे तुमको नीचा देखना पड़े, ऐसा काम मत करो
पहला - संसार को स्वप्नवत जानो
दूसरा - अति हिम्मत रखो
तीसरा - अखंड प्रफुल्लित रहो, दुख में भी
चौथा - परमात्मा का स्मरण करो, जितना बन सके
पांचवा - किसी को दुःख मत दो, बने तो सुख दो
छठा - सभी पर अति प्रेम रखो
सातवाँ - नूतन बालवत स्वभाव रखो
आठवाँ - मर्यादानुसार चलो
नवां - अखंड पुरुषार्थ करो, गंगा प्रवाहवत; आलसी मत बनो
दसवां - जिसमे तुमको नीचा देखना पड़े, ऐसा काम मत करो
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