जागो मोहन प्यारे, जागो जागो
जागो बंसीवारे ललना
जागो मोरे प्यारे ..
रजनी बीती भोर भयो है
घर घर खुले किवाड़े .
गोपी दही मथत सुनियत है
कंगना की झनकारे ..
उठो लालजी भोर भयो है
सुर नर ठाड़े द्वारे .
ग्वालबाल सब करत कोलाहल
जय जय शब्द उचारे ..
माखन रोटी हाथ में लीजे
गौअन के रखवारे .
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर
शरण आया को तारे ..
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जागो बंसीवारे ललना
जागो मोरे प्यारे ..
रजनी बीती भोर भयो है
घर घर खुले किवाड़े .
गोपी दही मथत सुनियत है
कंगना की झनकारे ..
उठो लालजी भोर भयो है
सुर नर ठाड़े द्वारे .
ग्वालबाल सब करत कोलाहल
जय जय शब्द उचारे ..
माखन रोटी हाथ में लीजे
गौअन के रखवारे .
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर
शरण आया को तारे ..
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