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बुधवार, जून 11, 2025

जो शरण आया प्रभु की - व्ही. एन. श्रीवास्तव 'भोला'


जो शरण आया प्रभु की, वह सदा सुख पायेगा।

अगम भवसागर बिना श्रम पार वह कर जायेगा।।


नाम लेते ही प्रभु का, दूर होंगे कष्ट सब।

दुसह पीडायेँ मिटेंगी, ध्यान लग जायेगा जब। 

शांति सुख के धाम का पट आप ही खुल जायेगा।। 


अनगिनत जन पार उतरे, राम नाम जहाज से।

गीध गणिका गज तरे, प्रभु नाम के ही जाप से।

नाम नैया बैठ कर भवसिंधु तू तर जायेगा।। 


जो शरण आया प्रभु की, वह सदा सुख पाएगा। 


शब्दकार, स्वरकार, गायक : व्ही. एन. श्रीवास्तव 'भोला'

सोमवार, जून 09, 2025

हरि बिन क्यूँ जीऊँ री माय


हरि बिन क्यूँ जीऊँ री माय।

हरि कारण बौरी भई, जस काठहि घुन खाय।

औषध मूल न संचरै, मोहि लागौ बौराय।

कमठ दादुर बसत जलमँह, जलहि ते उपजाय।

हरि ढूढँन गई बन-बन, कहुँ मुरली धुन पाय।

मीरा के प्रभु लाल गिरधर, मिलि गये सुखदाय।