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बुधवार, अगस्त 17, 2016

भजन: हमसे भली जंगल की चिड़ियाँ

हमसे भली जंगल की चिड़ियाँ
जब बोलें तब रामहि राम ||


ब्रह्म मुहूरत उठ कर पंछी
प्रभु का ध्यान लगाते हैं ,
चहक चहक मधुमय रामामृत
जंगल में बरसाते हैं ||
पर हम अहंकार में डूबे
अपने ही गुन गाते हैं ,
गुरु जन के आदेश भूल हम
जीवन व्यर्थ गंवाते हैं ||
हमसे भली जंगल की चिड़ियाँ
जब बोलें तब रामहि राम ||

कितने भाग्यवान हैं हम सब
ऐसा सतगुर पाया है ,
जिसने हमको "राम" नाम का
सहज योग सिखलाया है |
माया जंजालों में फँस कर
हमने उसे भुलाया है ,
पर चिड़ियों ने राम मंत्र
जीवन भर को अपनाया है ||
हमसे भली जंगल की चिड़ियाँ
जब बोलें तब रामहि राम ||

[राग केदार पर आधारित]

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hamse bhalI jaMgal kI chi.DiyA.N
jab boleM tab rAmhi rAm ||

brahm muhUrat uTh kar paMChI
prabhu kA dhyAn lagAte haiM ,
chahak chahak madhumay rAmAmR^it
jaMgal meM barsAte haiM ||
par ham ahaMkAr meM DUbe
apne hI gun gAte haiM ,
guru jan ke Adesh bhUl ham
jIvan vyarth gaMvAte haiM ||
hamse bhalI jaMgal kI chi.DiyA.N
jab boleM tab rAmhi rAm ||

kitne bhAgyavAn haiM ham sab
aisA satgur pAyA hai ,
jisne hamko "rAm" nAm kA
sahaj yog sikhlAyA hai |
mAyA jaMjAloM meM pha.Ns kar
hamne use bhulAyA hai ,
par chi.DiyoM ne rAm maMtr
jIvan bhar ko apnAyA hai ||
hamse bhalI jaMgal kI chi.DiyA.N
jab boleM tab rAmhi rAm || 

मंगलवार, अगस्त 16, 2016

भजन: बोले बोले रे राम चिरैया रे

Bole Bole Re Ram Chiraiya
by V N Shrivastav 'Bhola
from Shree Ram Sharanam

बोले बोले रे राम चिरैया रे
बोले रे राम चिरैया।

मेरी साँसों के पिंजरे में
घड़ी घड़ी बोले।
घड़ी घड़ी बोले।
बोले बोले रे ...

ना कोई खिड़की ना कोई डोरी।
ना कोई चोर करे जो चोरी
ऐसा मेरा है राम रमैया रे।
बोले बोले रे ...

उसी की नैया वही खिवैया।
लहर रही उसकी लहरैया।
चाहे लाख चले पुरवैया रे।
बोले बोले रे ...