श्री राम प्रेरणा द्वारा जस्टिस शिव दयाल जी श्रीवास्तव द्वारा संकलित उत्थान पथ नवंबर १९५६ में प्रकाशित हुआ था .
श्री राम चरितमानस तथा श्री मद्भगवद्गीता से चुने हुये इन दोहे, चौपाइयों और श्लोकों में उच्चतम धर्म के व्यवहारिक दर्शन का सार है, जिस के पठन, मनन और व्यवहारिक जीवन में घटित करने के प्रयास से सर्वांगी (अध्यात्मिक तथा लौकिक) उत्थान निश्चित है ।
श्री राम चरितमानस तथा श्री मद्भगवद्गीता से चुने हुये इन दोहे, चौपाइयों और श्लोकों में उच्चतम धर्म के व्यवहारिक दर्शन का सार है, जिस के पठन, मनन और व्यवहारिक जीवन में घटित करने के प्रयास से सर्वांगी (अध्यात्मिक तथा लौकिक) उत्थान निश्चित है ।
प्रति दिन – प्रार्थना
सोमवार – उन्नति का मार्ग
मंगलवार – इन्द्रियों व मन का निग्रह
बुधवार – श्री कृष्ण को अतिशय प्रिय
गुरुवार – देवता और असुर
शुक्रवार – सात्विक कर्म और कर्ता
शनिवार – वास्तविक तप और सुख
रविवार – अभयदान
मंगलवार – इन्द्रियों व मन का निग्रह
बुधवार – श्री कृष्ण को अतिशय प्रिय
गुरुवार – देवता और असुर
शुक्रवार – सात्विक कर्म और कर्ता
शनिवार – वास्तविक तप और सुख
रविवार – अभयदान
यत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धरः।
तत्र श्रीर्विजयो भूतिर्ध्रुवा नीतिर्मतिर्मम ॥
तत्र श्रीर्विजयो भूतिर्ध्रुवा नीतिर्मतिर्मम ॥
श्रीकृष्णार्पणमस्तु ।
हरि ॐ