अब मुझे राम भरोसा तेरा
राम भरोसा तेरा
अब मुझे राम भरोसा तेरा ॥
मुझे भरोसा राम का रहे सदा सब काल ।
दीनबन्धु वह देव है सुखकर दीन दयाल ॥
पकड़ शरण अब राम की सुदृढ निश्चय साथ ।
तज कर चिंता मैं फिरूँ पा कर उत्तम नाथ ॥
अब मुझे राम भरोसा तेरा
राम भरोसा तेरा
अब मुझे राम भरोसा तेरा ॥
मधुर महारस नाम पान कर, मुदित हुआ मन मेरा ॥
अब मुझे राम भरोसा तेरा
राम भरोसा तेरा
अब मुझे राम भरोसा तेरा ॥
जो देवे सब जगत को अन्न पान शुभ प्राण ।
वही दाता मेरा हरि सुख का करे विधान ॥
वन अटवी गिरि शिखर पर, घोर विपद के बीच ।
तज कर चिंता मैं फिरूँ, निर्भय आँखें मींच ॥
कष्ट क्लेश के काल में निंदा हो अपमान ।
राम भरोसे शांत रह सोऊँ चादर तान ॥
अब मुझे राम भरोसा तेरा
राम भरोसा तेरा
अब मुझे राम भरोसा तेरा ॥
दीपक ज्ञान जगा जब भीतर, मिटा अज्ञान अन्धेरा ।
निशा निराशा दूर हुई सब, आया शांत सबेरा ॥
अब मुझे राम भरोसा तेरा
राम भरोसा तेरा
अब मुझे राम भरोसा तेरा ॥
...... राम राम राम राम ......
मुझे भरोसा राम तू दे अपना अनमोल ।
रहूँ मस्त निश्चिंत मैं कभी न जाऊँ डोल ॥
मुझे भरोसा परम है राम राम श्री राम ।
मेरी जीवन ज्योति है वही मेरा विश्राम ॥
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