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rahe janam janam tera dhyan, yahee var do mere raam
Lyrics & Music Direction - V N Shrivastav 'Bhola'
Voices - V N Shrivastav 'Bhola' and Amita Shrivastava
अर्थ न धर्म न काम रुचि, पद न चहहुं निरवान |
जनम जनम रति राम पद, यह वरदान न आन ||
रहे जनम जनम तेरा ध्यान, यही वर दो मेरे राम
सिमरूँ निश दिन हरि नाम, यही वर दो मेरे राम ।
रहे जनम जनम तेरा ध्यान, यही वर दो मेरे राम ॥
मेरे राम, मेरे राम, मेरे राम, मेरे राम ।
मन मोहन छवि नैन निहारे, जिह्वा मधुर नाम उच्चारे,
कनक भवन होवै मन मेरा, जिसमें हो श्री राम बसेरा, or
कनक भवन होवै मन मेरा, तन कोसलपुर धाम,
यही वर दो मेरे राम |
रहे जनम जनम तेरा ध्यान, यही वर दो मेरे राम ॥
सौंपूं तुझको निज तन मन धन, अरपन कर दूं सारा जीवन,
हर लो माया का आकर्षण, प्रेम भगति दो दान,
यही वर दो मेरे राम |
रहे जनम जनम तेरा ध्यान, यही वर दो मेरे राम ॥
गुरु आज्ञा ना कभी भुलाऊँ, परम पुनीत राम गुन गाऊँ,
सिमरन ध्यान सदा कर पाऊँ, दृढ़ निश्चय दो राम !
यही वर दो मेरे राम,
रहे जनम जनम तेरा ध्यान, यही वर दो मेरे राम ॥
संचित प्रारब्धों की चादर, धोऊं सतसंगों में आकर,
तेरे शब्द धुनों में गाकर, पाऊं मैं विश्राम,
यही वर दो मेरे राम |
रहे जनम जनम तेरा ध्यान, यही वर दो मेरे राम ॥
Listen to the bhajan by Shri V N S 'Bhola' - Youtube link rahe janam janam tera dhyan, yahee var do mere raam
Lyrics & Music Direction - V N Shrivastav 'Bhola'
Voices - V N Shrivastav 'Bhola' and Amita Shrivastava
अर्थ न धर्म न काम रुचि, पद न चहहुं निरवान |
जनम जनम रति राम पद, यह वरदान न आन ||
रहे जनम जनम तेरा ध्यान, यही वर दो मेरे राम
सिमरूँ निश दिन हरि नाम, यही वर दो मेरे राम ।
रहे जनम जनम तेरा ध्यान, यही वर दो मेरे राम ॥
मेरे राम, मेरे राम, मेरे राम, मेरे राम ।
मन मोहन छवि नैन निहारे, जिह्वा मधुर नाम उच्चारे,
कनक भवन होवै मन मेरा, जिसमें हो श्री राम बसेरा, or
कनक भवन होवै मन मेरा, तन कोसलपुर धाम,
यही वर दो मेरे राम |
रहे जनम जनम तेरा ध्यान, यही वर दो मेरे राम ॥
सौंपूं तुझको निज तन मन धन, अरपन कर दूं सारा जीवन,
हर लो माया का आकर्षण, प्रेम भगति दो दान,
यही वर दो मेरे राम |
रहे जनम जनम तेरा ध्यान, यही वर दो मेरे राम ॥
गुरु आज्ञा ना कभी भुलाऊँ, परम पुनीत राम गुन गाऊँ,
सिमरन ध्यान सदा कर पाऊँ, दृढ़ निश्चय दो राम !
यही वर दो मेरे राम,
रहे जनम जनम तेरा ध्यान, यही वर दो मेरे राम ॥
संचित प्रारब्धों की चादर, धोऊं सतसंगों में आकर,
तेरे शब्द धुनों में गाकर, पाऊं मैं विश्राम,
यही वर दो मेरे राम |
रहे जनम जनम तेरा ध्यान, यही वर दो मेरे राम ॥