मंगलवार, फ़रवरी 19, 2013

उत्थान पथ

श्री राम प्रेरणा द्वारा जस्टिस शिव दयाल जी श्रीवास्तव द्वारा संकलित उत्थान पथ नवंबर १९५६ में प्रकाशित हुआ था .

श्री राम चरितमानस तथा श्री मद्भगवद्गीता से चुने हुये इन दोहे, चौपाइयों और श्लोकों में उच्चतम धर्म के व्यवहारिक दर्शन का सार है, जिस के पठन, मनन और व्यवहारिक जीवन में घटित करने के प्रयास से सर्वांगी (अध्यात्मिक तथा लौकिक) उत्थान निश्चित है ।

प्रति दिन – प्रार्थना 

यत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धरः।
तत्र श्रीर्विजयो भूतिर्ध्रुवा नीतिर्मतिर्मम ॥



श्रीकृष्णार्पणमस्तु ।
हरि ॐ