मंगलवार, दिसंबर 25, 2012

भजन : भूलते हरि नहीं

भूलते हरि नहीं, हम ही उन्हें भुलाते हैं (२)
प्रेम से प्रभु को पुकारो तो चले आते

भक्त प्रहलाद पे संकट महान आया था
स्वयं पिता ने खडग क्रोध में उठाया था
ध्यान प्रह्लाद ने हरि चरणों में लगाया था
बन के नरसिंह दयासिंधु ने बचाया था
सर्वव्यापी प्रभु, ओ ओ ओ ,
सर्वव्यापी प्रभु खम्बे से निकल आते

भूलते हरि नहीं, हम ही उन्हें भुलाते हैं
प्रेम से प्रभु को पुकारो तो चले आते

Listen to MP3 Bhajan sung by Dr. Uma Srivastava

1 टिप्पणी:

  1. बहुत सटीक प्रस्तुति.वाह . बहुत उम्दा,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति . हार्दिक आभार आपका ब्लॉग देखा मैने और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.

    जवाब देंहटाएं