शुक्रवार, सितंबर 12, 2008

भजन: तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार

तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार, उदासी मन काहे को करे ..

नैया तेरी राम हवाले, लहर लहर हरि आप सम्हाले,
हरि आप ही उठायें तेरा भार, उदासी मन काहे को करे ..

काबू में मंझधार उसी के, हाथों में पतवार उसी के,
तेरी हार भी नहीं है तेरी हार, उदासी मन काहे को करे ..

सहज किनारा मिल जायेगा, परम सहारा मिल जायेगा,
डोरी सौंप के तो देख एक बार, उदासी मन काहे को करे ..

तू निर्दोष तुझे क्या डर है, पग पग पर साथी ईश्वर है,
सच्ची भावना से कर ले पुकार, उदासी मन काहे को करे ..

1 टिप्पणी: